SALAM
ऐ हबीबे अहमदे मुजतबा दिले मुब्तला का सलाम लो.
जो वफा की राह में खो गया उसी गुम शुदा का सलाम लो.
में तलब से बाज न आऊंगा तू करम का हाँथ बढ़ाए जा.
जो तेरे करम से है आशना उसी आशना का सलाम लो.
ऐ हबीबे अहमदे मुजतबा दिले मुब्तला का सलाम लो.
जो वफा की राह में खो गया उसी गुम शुदा का सलाम लो.
कोई मर रहा है बहिश्त पर कोई चाहता है नजात को.
मैं तुझी को चाहु खुदा करे मेरी ईस दुआ का सलाम लो.
ऐ हबीबे अहमदे मुजतबा दिले मुब्तला का सलाम लो.
जो वफा की राह में खो गया उसी गुम शुदा का सलाम लो.
मेरी हाजरी हो मदीने में मिले लुत्फ मुझको भी जीने में.
तेरा नूर हो मेरे शीने में मेरी ईस दुआ का सलाम लो.
ऐ हबीबे अहमदे मुजतबा दिले मुब्तला का सलाम लो.
जो वफा की राह में खो गया उसी गुम शुदा का सलाम लो.
वो हुसैन जिसने चिड़क के खून चमने वफा को हरा दिया.
उसी जाँ निसार का वस्ता के हर एक गदा का सलाम लो.
ऐ हबीबे अहमदे मुजतबा दिले मुब्तला का सलाम लो.
जो वफा की राह में खो गया उसी गुम शुदा का सलाम लो.
तमाम औलियाँ के बुलंद सर है कदम पे जिनके झुके हुए.
उसी प्यारे गौस का वस्ता के हर एक गदा का सलाम लो.
ऐ हबीबे अहमदे मुजतबा दिले मुब्तला का सलाम लो.
जो वफा की राह में खो गया उसी गुम शुदा का सलाम लो.
ये नज़र हमेशा झुकी रहे. तेरी आद दिल में बसी रहे.
मेरे दिल की है यही इल्तिजा। मेरी इस हया का सलाम लो.
ऐ हबीबे अहमदे मुजतबा दिले मुब्तला का सलाम लो.
जो वफा की राह में खो गया उसी गुम शुदा का सलाम लो.
मैं गुनाहगार हूं मुस्तफा मुझे राहे हक पे चलिये.
तुम्हें एहलेहक का है वास्ता ये तड़पते दिल का सलाम लो.
ऐ हबीबे अहमदे मुजतबा दिले मुब्तला का सलाम लो.
जो वफा की राह में खो गया उसी गुम शुदा का सलाम लो.