हर वक़्त तसव्वुर में मदीने की गली हो

हर वक़्त तसव्वुर में मदीने की गली हो

Madine Ki Ghali Ho

Naat Paak Mustafa

हर वक़्त तसव्वुर में मदीने की गली हो
और याद मुहम्मद की मेरे दिल में बसी हो

दो सोज़-ए-बिलाल, आक़ा ! मिले दर्द रज़ा सा
सरकार ! 'अता 'इश्क़-ए-उवैस-ए-क़रनी हो
हर वक़्त तसव्वुर में मदीने की गली हो

ऐ काश ! मैं बन जाऊँ मदीने के मुसाफ़िर
फिर रोती हुई तयबा को बारात चली हो
हर वक़्त तसव्वुर में मदीने की गली हो

ऐ काश ! मदीने में मुझे मौत यूँ आए
चौखट पे तेरी सर हो, मेरी रूह चली हो
हर वक़्त तसव्वुर में मदीने की गली हो

जब ले के चलो गोर-ए-ग़रीबाँ को जनाज़ा
कुछ ख़ाक मदीने की मेरे मुँह पे सजी हो
हर वक़्त तसव्वुर में मदीने की गली हो

जिस वक़्त नकीरैन मेरी क़ब्र में आएँ
उस वक़्त मेरे लब पे सजी ना'त-ए-नबी हो
हर वक़्त तसव्वुर में मदीने की गली हो

आक़ा का गदा हूँ, ऐ जहन्नम ! तू भी सुन ले
वो कैसे जले जो कि ग़ुलाम-ए-मदनी हो
हर वक़्त तसव्वुर में मदीने की गली हो

आक़ा की शफ़ा'अत से तो जन्नत ही मिलेगी
ऐ काश ! कि क़दमों में जगह उन के मिली हो
हर वक़्त तसव्वुर में मदीने की गली हो

'अत्तार हमारा है, सर-ए-हश्र इसे, काश !
दस्त-ए-शह-ए-बतहा से यही चिठ्ठी मिली हो
हर वक़्त तसव्वुर में मदीने की गली हो

Naat
Hamd
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Waqiyat
Salam
Nazm
Admin: Sajid Ali
Barkati Kashana

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