मैं मदीने चला, मैं मदीने चला

मैं मदीने चला, मैं मदीने चला

Main Madine Chala

Naat Paak Mustafa

मैं मदीने चला, मैं मदीने चला
फिर करम हो गया, मैं मदीने चला

कैफ़ सा छा गया, मैं मदीने चला
झूमता झूमता मैं मदीने चला
फिर करम हो गया, मैं मदीने चला

साक़िया ! मय पिला, मैं मदीने चला
मस्त-ओ-बेख़ुद बना, मैं मदीने चला
फिर करम हो गया, मैं मदीने चला

क्या बताऊँ मिली दिल को कैसी ख़ुशी
जब ये मुज़्दा सुना, मैं मदीने चला
फिर करम हो गया, मैं मदीने चला

अश्क थमते नहीं, पाँव जमते नहीं
लड़खड़ाता हुआ मैं मदीने चला
फिर करम हो गया, मैं मदीने चला

ऐ शजर ! ऐ हजर ! तुम भी, शम्स-ओ-क़मर !
देखो देखो ज़रा, मैं मदीने चला
फिर करम हो गया, मैं मदीने चला

देखें तारे मुझे, ये नज़ारे मुझे
तुम भी देखो ज़रा, मैं मदीने चला
फिर करम हो गया, मैं मदीने चला

रूह-ए-मुज़्तर ! ठहर, तू निकलना उधर
इतनी जल्दी है क्या, मैं मदीने चला
फिर करम हो गया, मैं मदीने चला

हाथ उठते रहे, मुझ को देते रहे
वो तलब से सिवा, मैं मदीने चला
फिर करम हो गया, मैं मदीने चला

नूर-ए-हक़ के हुज़ूर, अपने सारे क़ुसूर
बख़्शवाने चला, मैं मदीने चला
फिर करम हो गया, मैं मदीने चला

Naat
Hamd
Manqabat
Waqiyat
Salam
Nazm
Admin: Sajid Ali
Barkati Kashana

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