जो कोई ग़म सताए तो मदीना याद कर लेना

जो कोई ग़म सताए तो मदीना याद कर लेना

Madine Yaad Kar Lena

Naat Paak Mustafa

जीने की तरफ़ देख न मरने की तरफ़ देख
जब चोट लगे दिल को मदीने की तरफ़ देख

जो कोई ग़म सताए तो मदीना याद कर लेना
न दिल को चैन आए तो मदीना याद कर लेना

सहारा बे-सहारों का, मदावा ग़म के मारों का
न कोई काम आए तो मदीना याद कर लेना
जो कोई ग़म सताए तो मदीना याद कर लेना

उमूमन ज़िंदगी में दुख के दिन भी आ ही जाते हैं
कभी लम्हा ये आए तो मदीना याद कर लेना
जो कोई ग़म सताए तो मदीना याद कर लेना

सुना है मुश्किलों में साथ कोई भी नहीं चलता
ज़माना छोड़ जाए तो मदीना याद कर लेना
जो कोई ग़म सताए तो मदीना याद कर लेना

कभी अश्क़ों की बोली भी ख़मोशी में बदल जाए
और दिल आँसू बहाए तो मदीना याद कर लेना
जो कोई ग़म सताए तो मदीना याद कर लेना

हवाएँ भी मुख़ालिफ़ हों, हो दरिया में भी तुग़्यानी
और कश्ती डूब जाए तो मदीना याद कर लेना
जो कोई ग़म सताए तो मदीना याद कर लेना

कभी जो साँस बिखरी हो, कभी धड़कन जो उलझी हो
न दिल भी जो सँभल पाए मदीना याद कर लेना
जो कोई ग़म सताए तो मदीना याद कर लेना

मुसीबत में तो हर कोई उन्हीं को याद करता है
ख़ुशी, अहमद ! जो आए तो मदीना याद कर लेना
जो कोई ग़म सताए तो मदीना याद कर लेना

Naat
Hamd
Manqabat
Waqiyat
Salam
Nazm
Admin: Sajid Ali
Barkati Kashana

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