मुझे तो 'अली चाहिए

मुझे तो 'अली चाहिए

Mujhe To Ali Chahiye

Manqabat Maula Ali

ज़माने के हर इक वली ने कहा
मुझे तो 'अली चाहिए
जो हैं हर ज़माने के मुश्किल-कुशा
मुझे तो 'अली चाहिए

'अली का है ईमान बचपन से कामिल
वो मेरा 'अली पंज-तन में है शामिल
मिलेगा जहाँ से नबी का पता
मुझे तो 'अली चाहिए

मैं सुन्नी हूँ, मुझ को ये निस्बत मिली है
निगाहों में मेरे नजफ़ की गली है
मुबारक हो तुझ को तेरा रहनुमा
मुझे तो 'अली चाहिए

'अली की मोहब्बत है ईमाँ का हिस्सा
वहाँ काम आएगा मेरा भरोसा
उठूँगा लहद से ये कहता हुआ
मुझे तो 'अली चाहिए

ये ज़िक्र-ए-'अली है, नहीं बंद होगा
मेरे बा'द सारा ज़माना कहेगा
ये मीसम ने सूली पे चढ़ कर कहा
मुझे तो 'अली चाहिए

वो कर्बल की वा'दी, वो शहर-ए-नजफ़ हो
कोई भी हो ख़ित्ता, किसी भी तरफ़ हो
जलाया है जिस ने दिए से दिया
मुझे तो 'अली चाहिए

बने जब मुहाजिर और अन्सार भाई
नबी की निगाहें 'अली पर फिर आईं
तो फ़रमाया भाई 'अली है मेरा
मुझे तो 'अली चाहिए

मिटा क्या सकेगा हमें ये ज़माना
हमारी तरफ़ है नबी का घराना
इस उम्मत पे है सय्यिदा की दु'आ
मुझे तो 'अली चाहिए

ख़ुदाया ! मेरा भी मुक़द्दर जगा दे
मुझे भी नजफ़ का मुसाफ़िर बना दे
न रोके ज़माना मेरा रास्ता
मुझे तो 'अली चाहिए

विलादत हुई जिन की का'बे के अंदर
बताता है हम को ये ख़्वाजा का तेवर
यही कह रहे हैं वो ख़्वाजा पिया
मुझे तो 'अली चाहिए

ये 'इज़्ज़त, ये शोहरत, ये दौलत, ये सरवत
मिला है ये सब कुछ 'अली की बदौलत
मेरे पास सब है 'अली का दिया
मुझे तो 'अली चाहिए

ऐ नूर-ए-मुजस्सम ! करो ज़िक्र-ए-हैदर
मिलेंगे इसी रास्ते से पयम्बर
हुसैनी जो होगा वो देगा सदा
मुझे तो 'अली चाहिए

Naat
Hamd
Manqabat
Waqiyat
Salam
Nazm
Admin: Sajid Ali
Barkati Kashana

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