अहदीसे मुबारका में क़ुरआन करीम पढ़ने के बहुत ज़्यादा फज़ाइल मरवी हैं, हुसुले बरकत के लिए हम चंद फरामीने मुस्तफा ﷺ पेशे खिदमत हैं
- मेरी उम्मत की बेहतरीन इबादत क़ुरआन पढ़ना है।
- क़ुरआन करीम पढ़ा करो ! ये कयामत के दिन अपने पढ़ने वालों की शफाअत करेगा।
- जो शख्स किताबुल ल्लाह में से एक हर्फ पढ़ेगा तो उसे एक नेकी मिलेगी और ये एक नेकी 10 नेकियों के बराबर होगी, मैं ये नही कहता की ألم एक हर्फ है, बल्कि अलिफ एक हर्फ है, लाम एक हर्फ है, मीम एक हर्फ है।
- जिस ने क़ुरआन की कोई आयते मुबारिका तिलावत की, तो वो उस के लिए क्यामत के दिन नूर होगी।
- क़ुरआन करीम देख कर पढ़ने वाले की फजीलत उस शख्स पर जो बिगैर देखे पढ़े ऐसी है जैसे फर्ज़ की फजीलत नफ्ल पर।
- जो शख्स क़ुरआन करीम देख कर पढ़े तो अल्लाह पाक उस के लिए जन्नत में एक दरख़्त लगा देता है।
- जो शख्स क़ुरआन करीम देख कर तिलावत करे उसको 2000 नेकियां मिलेगी, और जो देख कर जुबानी पढ़े उस को 1000 नेकियां मिलेगी
- जो शख्स देख कर क़ुरआन करीम पढ़ने का आदि हो तो जब तक दुनियां में रहेगा उस की बिनाई ( आंखों की रौशनी ) महफूज़ रहेगी
- क़ुरआन करीम पढ़ने में महारत रखने वाला किरामन कतिबीन के साथ है और जो मशक्कत के साथ अटक अटक कर क़ुरआन करीम पढ़ता है, उस के लिए दुगना सवाब है।