प्यारे दोस्तों - अज़ान तो हम लोग रोज सुनते हैं। दीन में पांच बार मस्जिद से अज़ान दी जाती है। और हम अज़ान के वक्त टीवी और मोबाइल तो बंद कर देते हैं। मगर अज़ान के बाद की दुआं नहीं पढ़ते हैं। और जैसे ही अज़ान खत्म होता है हम टीवी या मोबाइल में फिर से बिज़ी हो जाते हैं। अज़ान के बाद की दुआं पढ़ना बहुत ही जरूरी है। और इसकी बहुत ही फायदे है। अज़ान के बाद की दुआं हम हिन्दी अरबी और इंग्लिश में तर्जुमा के साथ लिख रहे हैं। जिसे आप लोग ध्यान से पढ़ें और याद करें। Azan Ke Baad Ki Dua In Hindi
- अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर
- अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर
- अश-हदू अल्ला-इलाहा इल्लल्लाह
- अश-हदू अल्ला-इलाहा इल्लल्लाह
- अश-हदू अन्ना मुहम्मदर रसूलुल्लाह
- अश-हदू अन्ना मुहम्मदर रसूलुल्लाह
- ह़य्य ‘अलस्सलाह
- ह़य्य ‘अलस्सलाह
- ह़य्य ‘अलल्फलाह
- ह़य्य ‘अलल्फलाह
- अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर
- ला-इलाहा इल्लल्लाह
नोट:- दीन में चार मर्तबा इस तरह से अज़ान होता है। जोहर, असर, मगरिब, और इशा में इस तरह से अज़ान होता है। मगर फज्र में थोड़ा सा अलग हो जाता है। फज्र की अज़ान में ह़य्य ‘अलल्फलाह के बाद "अस्सलातु खैरूं मिनन नउम" 2 मर्तबा पढ़े।
अज़ान का तर्जुमा। Azan Ka Tarzuma
- अल्लाह सब से बड़ा है। अल्लाह सब से बड़ा है।
- मैं गवाही देता हूं कि अल्लाह के सिवा कोई दूसरा इबादत के लायक नहीं।
- मैं गवाही देता हूं कि अल्लाह के सिवा कोई दूसरा इबादत के लायक नहीं।
- मैं गवाही देता हूं कि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम अल्लाह के रसूल हैं।
- मैं गवाही देता हूं कि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम अल्लाह के रसूल हैं।
- आओ नमाज़ की तरफ। आओ नमाज़ की तरफ।
- आओ कामयाबी की तरफ। आओ कामयाबी की तरफ।
- नींद से बेहतर नमाज़ है, नींद से बेहतर नमाज़ है
- अल्लाह सब से बड़ा है। अल्लाह सब से बड़ा है।
- अल्लाह के सिवा कोई इबादत के लायक नहीं
अज़ान के बाद की दुआं। Azan Ke Baad Ki Dua
अल्लाहुम्मा रब्बा हाज़ीहिद दावती-त-ताम्मति वस्सलातिल कायिमति आती मुहम्मदानिल वसिलता वल फ़ज़ीलता वद्दरजतल रफ़ीअता वब’असहू मक़ामम महमूदा निल्ल्जी व्’अत्तहू वर ज़ुक्ना शफ़ाअतहु यौमल क़ियामती इन्नका ला तुखलिफुल मीआद।
अज़ान के बाद की दुआं का तर्जुमा। Azan Ke Baad Ki Dua ka Tarzuma
ए अल्लाह ! ए परवरदिगार इस पूरी पुकार और कायम होने वाली नमाज़ के रब हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम को वसीला और फ़ज़ीलत और बुलंद दर्ज़ा अता फरमा और उनको मक़ामे महमूद में खड़ा कर जिसका तूने उनसे वादा किया और हमें कयामत के दिन उनकी शफाअत से बहरामंद कर। बेशक तू वादा खिलाफी नहीं करता।